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आपदा प्रबंधन

दक्षिण अण्डमान जिला

अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह

आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष

नियंत्रण कक्ष संम्‍पर्क संख्‍या:

दुरभाष- 03192-238881, 03192- 240127

फैक्‍स – 03192- 231945

जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष :

आपदा प्रबंधन अलग क्षेत्र या शाखा नहीं है, बल्कि किसी भी क्षेत्र – कृषि, औद्योगिक, पर्यावरणीय, सामाजिक आदि पर प्रभाव डालने वाले आपदाओं से संबंधित समस्या ओं के समाधान हेतु एक दृष्टिकोण है। अंतत: आपदा प्रबंधन की, आपदा द्वारा प्रभावित होने की संभावना वाले सभी क्षेत्रों, सभी संगठनों तथा सभी अभिकरणों की जिम्मेादारी है एवं विद्यमान संसाधनो का उपयोग करते हुए संसाधन एवं कम लागतों में दक्षता सुनिश्चित करना है । आपदाए सामान्यध रूप से जीवन और संपत्ति का व्यातपक नुकसान करती है और आर्थिक विकास पर विपरीत प्रभाव डालती है । जिला प्रशासन, अण्ड मान तथा निकोबार द्वीपसमूह के संपूर्ण- समाजार्थिक विकास के अहितकर प्रभाव को कम करने के लिए आपदा प्रबंधन में सजग, व्याापक एवं सतत दृष्टिकोण की आवश्येकता पर बल देती है । किसी भी आपदा प्रबंधन नीति का मुख्यर उद्देश्यत आपदा जोखिमों को कम करने के लिए आवश्यभक प्रणालियों, संरचनाओं, कार्यक्रमों, संसाधनों, क्षमताओं और मार्गदर्शी सिद्धांतो को स्थायपित करना है तथा जिंदगी और संपत्ति को बचाने के लिए, दैनिक गतिविधियों में बाधा, पर्यावरण के नुकसान को रोकने के लिए, आपदाओं और उनसे होने वाले खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना है और यह सुनिश्चित करना है कि विकासात्मंक कार्य सतत और लगातार चलता रहें ।

जिला प्रशासन के पास एक अलग आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठं है । आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठध का कार्य – नियंत्रण कक्ष की स्थापपना करना, चेतावनी का प्रसार करना, आपदा के दौरान राहत और बचाव उपायों की निगरानी, तैयारी का निर्धारण, मानक-प्रचालन प्रक्रिया की तैयारी एवं संकलन, राहत गोदाम तथा अन्यी विभागों में आपदा की तैयारी से संबंधित सामग्रियों के वितरण, आपदा की संवेदनशीलता का मूल्यांवकन, सामुदायिक आधारित आपदा प्रबंधन योजना की तैयारी, मॉकड्रिल तथा प्रशिक्षण इत्यानदि के माध्य म से जागरूकता उत्प न्न् करना है ।

सूचनाओं का प्रवाह

आपदा प्रबंधन में जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन एक महत्वनपुर्ण भुमिका पालन करती है । उपायुक्तध का कार्यालय, पोर्टब्लेायर के पास एक अलग प्रकोष्ठि है जिसे ‘आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ्’ कहा जाता है । इस कक्ष का कार्य नियंत्रण कक्ष की स्था‍पना, आपदा के संबंध में सूचित करना, राहत एवं बचाव के संबंध में अनुवीक्षण करना, आपदा से बचाव हेतु सामग्रियों का वितरण करना तथा आपदा से नुकसान का जायजा लेना है। इसके अलावा सामुदायिक रूप से आपदा प्रबंधन के योजनाओ की तैयारी एवं मॉकड्रील आदि करवाना है ।

 

आपदा प्रबंधन -जानकारी का प्रवाह

 

आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के संपर्क

नाम पदनाम कार्यालय का पता संपर्क ईमेल
श्री सुनील अनचिपका , आई ए एस उपायुक्त (दक्षिण अंडमान) उपायुक्त का कार्यालय (दक्षिण अंडमान जिला) कार्यालय: 03192-233089,245444(फैक्स), निवासी: 03192-233253, 9434280018 dcand[at]and[dot]nic[dot]in
श्री . यश चौधरी,आई ए एस अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट (एडीएम) उपायुक्त का कार्यालय (दक्षिण अंडमान जिला) कार्यालय: 03192-231951 adm[at]and[dot]nic[dot]in
Shri Hari Kallikkat, IAS सहायक आयुक्त (उप-डिवीजनल मैग्रिस्ट्रेट) और सहायक आयुक्त (आपदा प्रबंधन) उप-डिवीजनल मैजिस्ट्रेट का कार्यालय कार्यालय: 03192-232575 sdm[at]and[dot]nic[dot]in
श्री. प्रेम सिंघ मीना सहायक आयुक्त हेडक्वॉर्टर उपायुक्त का कार्यालय (दक्षिण अंडमान जिला) कार्यालय: 03192-231951 achq[at]and[dot]nic[dot]in
श्री विनय कुमार जिंदल सहायक आयुक्त सेटलमेंट उप-डिवीजनल मैजिस्ट्रेट का कार्यालय कार्यालय: 232229, निवासी:- 201007 कार्यालय:- 231951 acset[at]and.[dot]nic[dot]in
श्री रमेश कुमार तहसीलदार (विशेष कर्तव्य) उपायुक्त का कार्यालय (दक्षिण अंडमान जिला) कार्यालय:- 200886
श्री रमेश कुमार तहसीलदार (पोर्ट ब्लेयर) तहसीलदार का कार्यालय (पोर्ट ब्लेयर) कार्यालय: 03192-200927, 9474264111
श्री सुनील कुमार तहसीलदार (फ्रारगंज) तहसीलदार का कार्यालय (फ्रारगंज ,दक्षिण अंडमान) 03192-266301,238881, 231945(फैक्स)
श्री जोसफ डिप्टी तहसीलदार (लिटिलअंडमान) तहसीलदार का कार्यालय (लिटिलअंडमान, दक्षिण अंडमान) कार्यालय: 03192-284216,03192-284249, 201435 मोबाइल:- 9434274351
श्री डी प्रभाकर राव तहसीलदार (भूमि रिकॉर्ड) और तहसीलदार (चुनाव) उपायुक्त का कार्यालय (दक्षिण अंडमान जिला) कार्यालय: 03192-237749 200889, 9434283055
श्री डी प्रभाकर राव तहसीलदार (सेटलमेंट -1) निपटान अनुभाग ,उपायुक्त का कार्यालय (दक्षिण अंडमान जिला) कार्यालय:-03192- 237749, 9434284401

मॉकड्रिल सूचना:

जिला प्रशासन द्वारा जिला के विभिन्न भागो में जागरूकता कार्यक्रम के माध्याम से मॉकड्रिल आयोजित करते है । लोगों को आपदा के सम्बं‍ध में शिक्षित करने के उद्देश्ये से मॉकड्रिल आयोजित किया जाता है । जिला प्रशासन के विशेषज्ञ द्वारा उन्हेंि प्रशिक्षण दिया जाता है और यह समझाया जाता है कि जब भी कोई आपदा आते है तो क्याे करना है और क्या नहीं करना है । जिला प्रशासन का आपदा प्रबंधन कक्ष जिला मुख्याऔलय में अवस्थित है जो 24×7 कार्यरत है एवं जिला के सभी भागों पर नियंत्रण बनाए रखती है । कोई भी आपदा सम्बं धी सूचना मिलते ही प्रबंधन कक्ष तुरंत जिला के सभी संम्बंधित नियंत्रण केन्द्र जैसे पुलिस मुख्यांलय, जहाजरानी मुख्याजलय आदि को खबर पहॅुचा देती है । जिला प्रशासन आपदा के सम्बंखध में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्यय से आवधिक तौर पर मॉकड्रिल का आयोजन करते रहते है।

अंडमान हेल्पलाइन फोन नंबर

नाम हेल्पलाइन फोन नंबर
पुलिस नियंत्रण कक्ष 100
अग्निशमन सेवा 101
रोगी वाहन 232102 / 233473
शिपिंग 245555
डाक हेल्पलाइन 232346 / 232890
महिला हेल्पलाइन 1091
बच्चों की हेल्पलाइन 1098
तटरक्षक बल 155211
आपदा प्रबंधन नियंत्रण 1070 / 238881

क्या करें और न करें – चक्रवात

जिला प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक उत्‍पन्‍न कार्यक्रम के माध्‍यम से विभिन्‍न आपदा जैसे साईक्लोन, भुकंप आदि के सम्बंध में महत्‍वपुर्ण सूचनाए प्रदान की जाती है ।

साईक्‍लोन
साईक्‍लोन से पहले, दौरान एवं परवर्ती समय पर ( व्‍यक्तिगत रूप में ) क्‍या करें और क्‍या न करें ।
  • अपनी घर का जांच करें और जहॉ आवश्य क हो जैसे दरवाजो एवं खिडकियों का मरम्मपत करें।
  • केरोसिन भरा हुआ हेरिकेन लालटेन, फ्लासलाईट, दियासलाई, मोमबत्तीम तथा पर्याप्तप मात्रा में ड्राई सेल संरक्षित रखें ।
  • यह सुनिश्चित करे कि आपका रेडियो सेट सम्पुनर्ण रूप से काम में लाने योग्‍य हो ।
  • ट्रांससिस्टतर के लिए बैटरियो का एक अतिरिक्ता सेट संरक्षित रखें ।
  • जहॉ धारा या नदी प्रवाहित हो रही हो वहॉ साहसिक उद्दम करने का प्रयास न करें, अधिक वर्षा के कारण अचानक जलस्तोर बढ सकती है ।
  • कांच के खिडकियो में बोल्टत लगाए और शटर लगवाए ।
  • अतिरिक्तख खाद्य सामग्री संरक्षित रखें, विशेष तौर पर एैसा खाद्य सामग्रियों का संग्रह करें जिसे पकाने की आवश्य कता न हो, जैसे चुरा, छत्तुे (अनाज के पाउडर) आदि इसके अलावा अतिरिक्तक पानीय जल की भी व्य,वस्थाु भी रखनी चाहिए ।
  •  जब आप किसी आश्रय के लिए जा रहे है तो अपनी कीमती सामानों को उपरी मंजिल में रखें या छत से बांध दे ताकि वे वस्तु ए न भीगे ।
  • बच्चो और बुजुर्गो के लिए आहार का विशेष प्रावधान रखें ।
  • धैर्य बनाए रखें, आपातकाल में आपकी योग्यता अन्यउ लोगों के लिए प्रेरणा एवं सहायता कर सकती है ।
  • जब तक आपको आश्रय स्थ ल में रहने के लिए कहा जाए तब तक आप आश्रय स्थयल में ही रहें ।
  • जब आप आश्रय स्थहल पर हो तब आप अपनी व्यगक्तिगत प्रभारी की निर्देशो का अनुपालन करें ।
न करें ( आम जनता के लिए)
  •  कोई भी ढीला वस्तुक जैसे कनस्तीर, टीना या अन्यर औजार न रखें, यह सब तेज हवाओं के दौरान नुकसानदायक सिद्ध हो सकते है ।
  • अफवाह न फैलाए और न ही उस पर घ्याेन दें, केवल रेडियो के माध्य म से प्रसारित सरकारी चेतावनी पर ही अमल करें ।
  • जब आपको प्राधिकारी द्वारा मकान खाली करने के लिए कहॉ जाए तब आप घर में न रुके, और खास तौर पर तब जब आपका घर निचली इलाका में हो । इस प्रकार के जोखिम उठाने पर आप असहाय हो सकते है ।
  • यदि बवंडर के दौरान हवा और वर्षा एकाएक रूक जाए तो साहस दिखाकर बाहर न जाए, ध्याान रखे, अचानक विपरीत दिशा से तेज हवा उसी रफ्तार या उससे भी तेज रफ्तार से आ सकती है । और यह खास तौर तब होती है जब बवंडर का केन्द्रव आपकी क्षेत्र के ऊपर से गुजर रही हो ।
  • बिजली मृत्युऊ के कारण न बने, इसके लिए खंबो से लटकती ढीला तारो से दूर रहें ।
  • स्वलच्छ‍ या सुरक्षित जल या पानी को ही पीए ।
साईक्लोेन आने से पहले प्रथम चेतावनी (48 घंटे पहले) प्राप्तस होने पर लोगों द्वारा कार्रवाई ।
  • घर की जांच करें, आवश्याकता अनुसार ढीले टाइल्सव आदि को सिमेंट से मरम्मदत करें एवं दरवाजों तथा खिडकियो का मरम्मपत करें ।
  • घर की आस-पास जांच करें, सुखी या मरा हुआ पेड, उखडने वाले वस्तु‍ए, ढीला इंटे, कुडा-करकट, कनस्त्र एवं साईन-वोर्ड आदि को हटा दे ।
  • कुछ लकडी के तक्तियॉं तैयार रखें ताकि कांच के खिडकियों को सहारा दिया जा सके
  • केरोसिन भरा हुआ हेरिकेन लालटेन, फ्लासलाईट, दियासलाई, मोमबत्ती‍ तथा पर्याप्ता मात्रा में ड्राई सेल संरक्षित रखें ।
  • तुरंत खराब (असुरक्षित) मकान को गिरा दे ।
  • जिसके पास रेडियो है वह यह सुनिश्चित करें कि रेडियो पुरी तरह ठीक हो, ट्रांसिस्टआर के मामले में एक अतिरिक्तव बैटरी के सेट तैयार रखें ।
लोगों द्वारा साईक्लोषन के पश्चारत कार्यवाई/उपाय:  एक साईक्लोकन थमने या समाप्तत होने के पश्चायत लोगों को निम्नंलिखित सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी जाती हैं ।

  • जब तक प्रभारी द्वारा उन्हेंग घर लौटने की सूचना न दी जाए तब तक वे आश्रय स्थबल में ही रहें ।
  • वे तत्काथल अपनी निकटतम स्वाघस्य्दी केन्द्रय में जाकर बीमारियों के रोकथाम की टीका लगवाएं एवं बीमार एवं घायल मरीजो की उचित चिकित्साव करवाए ।
  • बिजली की खंबे से किसी ढीली या लटकती तारो से दूर रहें (कोई व्याक्ति अवश्य यह घ्याबन रखें कि कोई भी व्यीक्ति उस तार के आस-पास न जाए और निकटवर्ती बिजली प्राधिकारी को अवश्यो इसकी सूचना दें ।)
  • यदि आवश्याक न हो तो लोग आपदा की स्थांन से दूर रहें ।
  • असामाजिक तत्वक को उपद्रव करने से रोके ।
  • मकानो एवं आवासो के मलवो को साफ करें ।
  • राजस्वए प्राधिकारी को अवश्ये नुकसान की जानकारी प्रदान करें, (जिला प्रशासन से इस सम्बंरध में प्रपत्र प्राप्ती किया जा सकता है)
  • आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों के सुरक्षा की जानकारी तत्का ल अपनी रिस्तेरदारों को दें

 

क्या करें और न करें – भूकंप

जिला प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक उत्पकन्ना कार्यक्रम के माध्य म से विभिन्नि आपदा जैसे साईक्लोन, भुकंप आदि के सम्बंनध में महत्व पुर्ण सूचनाए प्रदान की जाती है ।

भूकंप
भुकंप आने से पहले आप क्याु कर सकते है-
  • नए भवनो का निर्माण या पुराने मकानो की पुन:निर्माण करते समय भुकंप प्रतिरोध भवन निर्माण नियमावलियों का अनुपालन करें ।
  • प्रथमोचार पेटिका तैयार करे एवं प्रथमोचार करना सीखें ।
  • घर में समय समय पर भुकंप से बचाव ड्रील का आयोजन करें, इससें आपके परिवार के सदस्यों को यह जानकारी होगी कि किस तरह भुकंप के दौरान घायल या खलबली से बचा जा सकता है।
  • टार्च, मोमबत्ती , दियासलाई, कम्ब ल, तैयार सामग्री, पानी के बोतल, चिकित्सा‍ पेटिका तथा अतिरिक्त, बैटरी के साथ रेडियो आदि को सम्मिलित कर जीवन रक्षा किट्स तैयार करे । घर के सदस्यो को यह जानकारी होनी चाहिए कि विद्युत स्वीवच कहॉ पर है, जिससे वे आपदा के समय स्वी चो को बंद कर सकें।
भुकंप के दौरान क्या करें?
  • घ्यै र्य रखें, किसी भी गतिविधि से पहले स्थिर मन से सोचे, दूसरों को आश्वाासन दे एवं किसी प्रकार कार्रवाई की निर्णय लेते समय उसके परिणाम के वारे में विचार करे ।
यदि आप एक घर में हो  :
  • किसी टेबल या अन्यव किसी सशक्तल फर्नीचर के नीचे जाकर अपनी सुरक्षा करे ।
  • जमीन पर बैठ जाए ।
  • परिवार के साथ ही निकलने की प्रयास करें ।
  • किसी भीतरी दीवार के कोने में घुटनो के बल बैठे या रहे ।
  • कांच की खिडकियो, पुस्तक अलमारी एवं किसी असुरक्षित भारी वस्तुे से दूर रहें।
  • गैस एवं बैद्युतिक स्वीतचो को बंद करने का प्रयास करे ।
  • सभी गैस, रेफ्रिरेजेटर, हीटर आदि को बंद कर दे, बहू मंजिला इमारत से नीचे उतरते समय लिफ्ट का प्रयोग न करें।
यदि आप दुकान, कार्यालय या थिएटर में हो  :
  • बाहर निकलने के लिए न भागे ।
  • खिडकियो के कांच, प्रदर्शन केसेस या अन्यो खतरनाक वस्तुकओं से दूर हट जाए ।
  • यदि आप भवन से बाहर आना ही चाहते है तो बाहर जाने की मार्ग यथासंभव सावधानी पुर्वक चुने । बैद्युतिक पाइंट एवं कैबल के निकट न रहें। भवन का कमजोर क्षेत्र जैसे पार्टिशन दीवार या सीलिंग से दूर रहें।
यदि आप ऊंची इमारत में हो :
  • डेक्से या टेवल के नीचे आश्रय ले ।
  • बाहर जाने के लिए भाग-दौड न करें ।
  • हिलना बंद होने या भवन खाली करने की निर्देश होने तक भवन में ही रहें।
  • इलेवटर का प्रयोग न करे ।
यदि आप बाहर में हो :
  • उॅचे भवन, दीवार, पॉवर लाइने एवं अन्यक वस्तुक जो गिर सकते है, से दूर रहे ।
  • सडक से न दौडे, यदि संभव हो तो सभी खतरनाक वस्तुमओ से दूर खुले मैदान की ओर जाए ।
यदि आप बाहन में हो  :
  • सुरक्षित एवं खुले जगह में रूके ।
  • आपके परिवार के सदस्यो या आपके आस-पास जो भी अन्यओ लोग हो के वारे में पुछ-ताछ करें । गम्भी‍र रूप से घायल व्य क्ति को तत्काकल ले जाने का प्रयास न करें, इससे वह और भी घायल हो सकता है ।
यदि आप किसी भवन के भीतर हो :
  • यदि आप संकटग्रस्थक है तो सूचित करने के लिए टेलिफोन का प्रयोग करें।
  • हिलना बंद होने तक सुरक्षित स्थिति में ही बने रहें ।
  • विद्युत एवं जल सेवा जांच ले यदि आवश्यबक हो तो बंद कर दे ।
  • सूचना एवं सलाह के लिए रेडियो सुने ।
  • ध्यैार्य बनाए रखें एवं परिवार के सदस्योंक का भी घ्यैगर्य बनाए रखने के लिए प्रोत्सााहित करें।
  • ज्वैलनशील वस्तुखओं को सुरक्षित स्था न पर स्था नान्तनरित करें।
  • भुकंप के पश्चासत आफ्टरशाक के लिए तैयार रहें।
  • क्षतिग्रस्थल भवन से बाहर निकलने का प्रयास करें । यदि‍ घायल है तो जितनी जल्दा हो सके चिकित्सा‍ करवाए ।